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14 Sep 2018

बिना बीमा वाले वाहनों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला, राज्यों में 12 हफ्तों के अंदर लागू करने का ऐलान

आपको बता दें कि साल 2015 में 1.5 लाख लोगों की सड़क हादसों में मौत हुई। बावजूद इसके लोग इससे सीख नहीं ले रहे हैं। सड़कों पर दौड़ रहे 60 फीसदी वाहनों का बीमा नहीं है। जिसके चलते सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला किया हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक, बिना इंश्योरेंस करवाए यदि कोई वाहन दुर्घटना का कारण बनता है, तो जिस वाहन से हादसा हो, उसे बेचकर दिया जाए मुआवज़ा। सभी राज्यों को नियम लागू करने के लिए 12 हफ्ते का समय दिया।

सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान जब बीमा कंपनियों ने इस प्रस्ताव पर ऐतराज जताया तो सुप्रीम कोर्ट ने बीमा कंपनी को फटकार लगाते हुए कहा कि सड़क दुर्घटना में लोग मर रहे हैं। सड़क दुघर्टना में एक लाख से ज्यादा मौत हर साल हो जाती है, हर तीन मिनट में एक दुर्घटना होती है, लोग मर रहे हैं और आप कह रहे हैं कि उन्हें मरने दिया जाए। अदालत ने टिप्पणी की कि आप उनको देखिए, वह सड़क दुर्घटना में मर रहे है, भारत की जनता मर रही है, उनके लिए और बेहतर करिए।

देश में हैं करीब 21 करोड़ वाहन- बीमा इंफोर्मेशन ब्यूरो के मुताबिक देश में करीब 21 करोड़ वाहन हैं। इनमें से केवल 6.5 करोड़ गाड़ियों का ही बीमा है। अधिकारियों की मानें तो रोड पर चलने वाले 50-55 फीसदी वाहनों के पास बीमा है और वह हर साल रिन्यूअल भी कराते हैं। पैसेजर कार की बात करें तो करीब 70-80 फीसदी कारों का बीमा है. देश में कुल वाहनों की संख्या में करीब 70 फीसदी हिस्सा दो पहिया वाहनों का है, जिनका बीमा सबसे कम यानी केवल 40-50 फीसदी ही है।